भाटी राजपूतों का चरित्र

हम भाटी राजपूत, भाटी एक राजा का नाम था, जिससे हम भाटी कहलाते हैं, उन्होंने बटनेर बसाया था, बटनेर को बसी 1739 साल हो गए 2022  तक, जिसको अब हनुमान घट बोलते हैं, पहले इसका नाम बटनेर था


भाटी राजपूतो ने कहा कहा राज किया:- बटनेर, बीकानेर, जैस्मेर,पाली,ये तो राजिस्तान मैं, हिंदुस्तान का पंजाब, पाकिस्तान का पंजाब, लाहौर, सिन्द्थ


यहाँ पर जो आये वो राजा रावल जी आये थे, 870 साल पहले 2022 तक, ऐच्छर आये, पहले ऐच्छर पर शासन किया था, राजा रावल जी के दो बैठा सिरेन्दर जी, धारी सिंह जी, ये दोनों तो वापस घर चले गए, और राजा रावल जी के बेटे राजा कासल जी यहाँ पर रहे थे, राजा कासल जी ने कासौघहड बसाया जिसे अब कासना कहते हैं


राजा कासल जी की तीन शादी हुई थी:


अनूप सहर बडग़ुज्जरो मैं उससे कोई बालक नहीं था

हरयाणा मैं जिससे एक लड़का हुआ था जिसका नाम रावल भाला जी था

लीलखा जो रोपुरा के पास पड़ता हैं, गुज्जरो की लड़की थी, जैस्वाल चन्द्रमादि नाम था, उससे एक लड़का             हुआ था जिसका नाम माधव था

माधव को तो राजा बनाया था, माधव के हिस्से मैं 60 गांव आते हैं , पीड़ी  दर पीड़ी गुज्जरो मैं शादी होने की वजह से य ते गुज्जर कहलाते हैं

हम हैं रानी के बेटे रावल भाला जी के, इनको दिए थे 12 गांव, धूम,दादरी,बछेड़ा,तिल,डोला,मद्दीपुर, बेग़मपुर,हल्दोनी


रावल भाला जी:-


रावल भाला जी के दो बेटे हुए, बड़े बेटे का नाम था त्रिलोक सिंह और छोटे का नाम था पाती सिंह जी, पाती सिंह जी ने घोड़ी बसाया था जिसकी संतान घोड़ी,आमका,धूम,दादरी, बछेड़ा मैं हैं, त्रिलोक सिंह जी ने तिल बसाया था जिनको बसे हुए हो गए 694 साल 2022  तक, त्रिलोक सिंह जी की संतान हैं तिल, ढोला, मंडपा, कामरा, बेग़मपुर


त्रिलोक सिंह जी चौहानो मैं बियाये थी प्रतापगड मैं , जिनके एक लड़का हुआ था बारेबल, बारेबल देहरा मैं बियाये थे, बारेबल के भी एक ही लड़का हुआ था जिसका नाम नौरंग सिंह जी


ये नौरंग सिंह जी जो थे ये इमान लेके आये थे इन्होने सम्भल मुरादाबाद मैं अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म को क़बूल किया था 667 साल  हो गए 2022  तक इस्लाम धर्म को क़बूल किये हुए  


नौरंग सिंह जी जो थे ये डासना बियाये थे, फिर इनके 5 लड़के हुए थे, 1. बहादर खां 2. आलम खां 3. जुले खां 4. मंजूर खां 5. दौलत खां

जिनमें बहादर खां की संतान तिल मैं, हैं दौलत खां  की संतान ढोला मैं हैं, खां जी की संतान हल्दोनी मैं हैं


हल्दोनी को आलम खां जी ने बसाया था, हल्दोनी को बसे 484 साल हो गए, आलम खां जी की शादी हुई थी परतापुर मैं, चौहानो मैं जिनके एक ही लड़का हुआ था बहादर खां , बहादर खां जी की शादी हुई थी डासना से , जिनके एक ही लड़का हुआ था मोर खां, मोर खां की शादी हुई थी कलौंदा से, मोर खां के भी एक ही लड़का हुआ था जिसका नाम था दिलावर खां, दिलावर खां की शादी मसूरी से हुई थी इनके भी एक ही लड़का हुआ था जिसका नाम था गज्जे खां, गज्जे खां की शादी डासना से हुई थी लेकिन इनके तीन लड़के हुए थे|


सबसे बड़े का नाम था बुद्धे खां:-


बुद्धे खां:-  बुद्धे खां के पांच लड़के हुए थे

सबसे बड़ा लड़का था जहूर खां:- जिसके जहूर अली, अब्दुल करीम , सब्बीर ठेकेदार , हाजी दिलावर , जामताली(केला वाले), हाजी नजीर, आजु हर,

दुसरे नंबर का था मोमबदली:- जिसके हैं ये घडी वाले

तीसरे नंबर का था मंडूर खां: जिसके मुख्तियार हर, अब्बुल हर

चौथे नंबर का था उधम खां:- जिसके सत्तर हर हैं

पाचवे नंबर का था भाव खां:- जिसके कल्ला हर और हमीद हर आते हैं


बुद्धे खां जी का करैक्टर:-  बुद्धे  खां जी की शादी बेग़मपुर हुई थी शकीला से जिसका एक ही लड़का हुआ था जहूर खा जिसके हम हैं दूसरी शादी हुई थी जसिवलियो मैं केदावली मैं जिनके चार लड़के हुई थे *मोम्मदली , *मंडूर खां, *उधम खां, *भाव खां

जहूर खां:- (i)जहूर खां की शादी बड्ड गांव गुज्जरो मैं मैं हुई थी शकीला बेग़म को जिनका लड़का हुआ ज्वार खां

(ii) ज्वार खां की शादी निर्माणों मैं हुई थी रमजानी खां की बेटी को पिपलैडा मैं, ज्वार खां के दो बेटे हुई थे 

     (a) हाजरी खां, (b) शहजाद खां

(iii) हम शहजाद खां के हैं, शहजाद खां की शादी जैस्वालो मैं सैजपुरा हुई थी, शहजाद खां के चार बेटे थे

     (a) मकतुल्लाह (b) इमाम अली (c) शरफू (d) कासम अली

(iv) कासम अली की शादी निर्माणों मैं कलंदर खां जी की बेटी से पिपलैडा गांव मैं हुई थी जिनके दो लड़के  

      (a) महमूद अली बड़े थे ये (b) महफूज अली छोटे थे 

(v) महफूज अली:- इनकी शादी बड्ड गुज्जरो मैं हुई थी अजीजन बेग़म को टुटर के नगला मैं इनके दो  

      लड़के थे  (a) जहूर अली, (b) ऐशान अली(इनकी बचपन मैं मोत हो गयी थी)


इन से छोटे का नाम मीर खां :- जिसमें आते हैं हनीब हर , जरीफ हर , जाफर हर, याक़ूब हर                                                        


सबसे छोटे का नाम था नूर खां:- जिसमें आते हैं अलीहसन हर, अलीजान हर, पापा हर

जहूर अली[1994-2021]

जहूर अली जी की पहली शादी चौहानो मैं हुई थी चिरोड़ी मैं उनसे एक लड़की थी जिसका नाम फय्याजी था और दूसरी शादी रोहदा मैं हुई थी सोलंकियो मैं छिद्दन खां की बेटी हसीना बेग़म से इनसे चार लड़के  तीन लड़की थी

नूर हसन 

नूर मोहम्मद

नूर अहमद 

अहमद हसन 

नूननिशा 

भूरो



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